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कुछ स्वाल कुछ बातें - आग

आग  जलना है तो जलो जी भर ,  मै रहूँगी साथ ,  रूप अनेक , नाम  एक - आग  किन्तु सर्व प्रथम करो निर्णय ,  तप कर बनोगे स्वर्ण मुद्रा या मात्र  राख।  कर्तव्यपथ ढँक सा गया हो  , विपदा , विवशता , चुनौतियां हज़ार,  बन कर धूमकेतु ,  गंतव्य  दिखलाऊँ,  चल सकोगे ? बिना हारे , बिना थके , लिए उम्मीदों का भार।    तमक  बन  जल जाऊँ   दो प्रेमियों के ह्रदय में , कहलाऊ  अनुराग, प्रकाश  वही, ताप  वही किन्तु नयी अनुभूति ।  उलझने , विरोध , कलय , क्रोध , आग का दरिया , लांघ सकोगे ? साथ रहोगे  सदैव तो बनू  प्रेम की साक्षी।  रूप एक वो भी है  मेरा ,  जो भस्म कर दे घर संसार, लपटों से लिपटी कराहती  बेटी, बेगुनाह माँ,  कभी अग्निपरीक्षा, कहीं  अपराध  , मूक रहोगे निर्लज्ज   अभी भी ? जला सकोगे तो आगे बढ़ो ,   कभी न बुझने वाली ,  देश प्रेम की पावन ज्वाला,  पिंजर तक बलिदान करोगे युद्ध  में , मात्ृ  भूमि सर्वोपरि , ये प्रति...

Sometimes Silly , Sometimes Sweet - Dear M

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          ( This short story was selected in an online writing competition.)                                                                                                        Dear “M” Among the stacks of books, I noticed an old novel. Curious, I grabbed it up. The author was not celebrated, and the cover had a neon green text with the simple title "Dear M." I went up to the storekeeper to ask what the pricing was. "Take it as a gift; the novel has been waiting for you," he said, a smile showing through his wrinkles. I felt strange because the shopkeeper had never been so kind. Mom would take me shopping on my birthdays. She adored giving books as gifts, and I loved to read. However, I have paid the...