कुछ स्वाल कुछ बातें - न बाप बड़ा , न भैया
न बाप बड़ा , न भैया
दोपहर का सूरज सिर पर आन पड़ा है लेकिन हमेशा की तरह छत का एक कोना धूप से परे है , तीनों भाई बहन एक बार फिर उस कोने में बैठे किसी चर्चा में मशगूल हैं । सालों से इस कोने में बैठ तीनो ने कितने ही राज़ खोले और उतने ही फैसले लिए । लेकिन आज माहौल कुछ ज़्यादा ही संजीदा है।
बडे भैया धीमे से बोले-" मेरी मानो मत करो ये सब , सिवाय क्लेश के कुछ न हासिल होगा"।
मझली बहन झट से बोली - "आप पीछे हट रहे हैं , मुझे पता था , dad के सामने बुरा नहीं बनना चाहते न "?
छोटा भाई बोला - "भैया dad को tinder और instagram पे मैंने spot किया था , fake profile बना कर chat भी किया था । आप सोच भी नहीं सकते मेरी मनोस्तिथि , माँ को तो बताना ही होगा । पता नही और क्या क्या करते होंगे"?
बहन जोश भरे स्वर में बोली - "बिलकुल , कब तक माँ यों ही झेलती रहेगी , क्या कमी है माँ में - सुन्दर है, dad से ज़्यादा qualified है, high court के judge की बेटी है फिर भी पूरा जीवन केवल त्याग किया कभी अपनी इछाओ कभी सपनों का "
बड़े भैया अपनी सिगरेट के धुँए को देखते हुए बोले - "जाओ , जाओ बता दो , माँ आंसू बहाएगी , dad सफाई पे सफाई देंगे , माँ घर छोड़ कर जाने से तो रही , दस / बीस रोज़ घर का माहौल तनावग्रस्त होगा फिर सब पहले जैसा - और हाँ हम सब अपना उल्लू ज़रूर बनवाएंगे "।
छोटा भाई रुआंसा सा बोला : " जानता हूँ पहली बार नही है - Arora अंकल की wife , भैया के classmate की mom वाले कांड में भी माँ ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था , बस महीनो तक गुमसुम रहती थीं ,
इतनी झुँझलाहट , घबराहट हो रही है कि मन है कल ही वापिस Australia चला जाऊं , भाड़ में जाये mid term break "!
बहन ने मुँह पिचकाया और बोली - " तू जायेगा कैसे - तेरी degree के अगले तीन semester की fees कौन भरेगा, भैया के start up की funding कहीं रुक गयी तो ? atm मशीन जो हैं हमारे dad , क्यों भैया ?
बड़े भैया गुस्से में बोले : "और आप मेरी बहिन ये कैसे भूल गयीं कि आपके good for nothing boyfriend का MLA बाप dad के bank balance से शादी रचा रहा है अपने इकलौते बेटे की , कोई कुछ नहीं करेगा , कोई कुछ नहीं कहेगा , जैसे चल रहा है , चलने दो , हमें ज़रुरत है dad की !
तीनो मौन एक दूसरे को ताकने लगे -
एक ही स्वाल था उनके मन में -
" और माँ "?
Very interesting read
ReplyDeletethanks a lot !
DeleteThank you so much 😊
ReplyDeleteLoved this story and its message.
ReplyDeleteA meaningful and thought provoking story.
Would the situation have been different if the wife had been financially independent...?
And - the children...?
You write so well.
You must blog more often.
Regards
Vikram Karve
This is what it actually is in most households sad but true even if the lady is financially independent. Thank you so much for kind words
DeleteTouching
ReplyDeleteSach main Maa ka Kya?
Nice write up and message Avi
thanks a lot for encouragement. My main aim is to stir those feelings that remain bottled for years.
DeleteTouching
ReplyDeleteSach main Maa ka Kya?
Nice write up and message Avi